सोमवार, 8 फ़रवरी 2016
शुक्रवार, 22 जनवरी 2016
रिश्तों का पर्दा
अमूमन मैं शादियों में बहुत कम जाता हूं, मगर इस बार श्रीमती जी अड़ गर्इं। कहने लगीं 'आपको चलना ही पड़ेगा। वह मेरी मुंह बोली बहन है और फिर आपकी भी तो कुछ लगती है।' बात में दम था। मैं बेदम हो गया।
खैर! मैं भी तैयार होकर हो लिया साथ श्रीमती जी के शादी में शरीक होने के लिए।
खैर! मैं भी तैयार होकर हो लिया साथ श्रीमती जी के शादी में शरीक होने के लिए।
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