बुधवार, 24 दिसंबर 2008

नास्तिक

मैं बस में बेठा बाहर हो रही बरसात का मजा ले रहा था
कोई आएगा इस पर
अजनबी आवाज सुनकर मैं मुडा, आवाज के मालिक पर नजर गई, उम्र यही कोई २५ -३० साल, आंखों पर नजर का चस्मा चड़ाये, महाशय सवालिया नजरों से मुझे देख रहे थे,
फिलहाल तो नही
मैंने उसका मुआयना करते हुए कहा,
आप कहाँ तक जायेंगे ?
उसने धम्म से बैठते हुए दूसरा सवाल दाग दिया,
टोडारायसिंह, और आप,
बात बढाने की गरज से मैंने पूछा
भांसू
उसकी बात ख़त्म होने के साथ ही बस झटके से आगे बाद गई, बस चलने के साथ ही बातों का सिलसिला चल निकला, बात चलते-चलते आ पहुंची दुनिया के सृजक पर , उसके अस्तित्व के होने न होने पर, इस बात को लेकर हम दोनों मैं बहस छिड़ गई, वह उसके अस्तित्व को पूरी तरह नकार रहा था, और मैं इस बात पर अदा था की वो इस दुनिया मैं है चाहे किसी भी रूप मैं हो। मेरे अपने तर्क थे तो उसकी अपनी काटें, इससेपहले की हमारी बहस उग्र होती ब्रेकों की चरमराहट के साथ ही बस रुक गयी, पता चला की नदी मैं पानी ज्यादा आ गया है, जो पुल पर से बह रहा है, ऐसे मैं बस पुल पर से नही गुजर सकती, पानी उतरने मैं देर लगनी थी सो हम भी उतर आए नीचे, नदी के दोनों और वाहनों की लाइन लगी थी, इधर वाले इस किनारे खड़े थे तो उधर वाले उस किनारे, तभी एक ट्रक आया, उसमें से चालक और खलाशी उतरे पानी का अंदाजा लगाया और ट्रक घुसा ले गए पानी मैं, देखते ही देखते ट्रक नदी के पार निकल गया,
यह देख हमारी बस के चालक को भी जोश आ गया और उसने भी घुसा दी बस पानी मैं, नदी के बीच मैं पहुँचते ही बस ने अचानक धक्का सा खाया, इसी के साथ पूरी बस श्रीजी के जयकारों से गूँज उठी,
सबसे पहले जय बोलने वाला मेरी बगल मैं बैठा वाही शख्स था जो पूरे रस्ते ऊपरवाले के अस्तित्व को नकार रहा था,
शिवराज गूजर

5 टिप्‍पणियां:

राजीव जैन ने कहा…

Bahut badiya bhai


jabardast likhte ho


Email ID batana


Aur ye word verefication hatana

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मेरी भी यही राय है --

बहुत ब‍िढ़या भाई!
Bahut badiya bhai


जबरदस्त लिखते हो!
jabardast likhte ho


ईमेल आई डी बताना!
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और यह वर्ड वेरीफिकेशन हटाना!
Aur ye word verefication hatana

SAHITYIKA ने कहा…

really very nice..

Naveen Tyagi ने कहा…

ihshvar ki shakti ko koi nahi nakar sakta.
sundar kahani

vijay kumar sappatti ने कहा…

shivraj ji , bahut acchi kahani ,., bhai ,, ek baatr kavita bhi likho yaar mere liye.....

badhai kabul kare..

regards

vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com