बुधवार, 1 अप्रैल 2009

यूँ भी होता है

गोद मैं बच्चा लिए व हाथ मैं झोला लटकाए एक ग्रामीण महिला बस मैं चडी, सीट खाली नही देख एक दम से वह निराश हो गयी, फिर भी जैसा कि बस मैं चड़ने वाला हर यात्री सोचता है कि शायद किसी सीट पर अटकने कीजगह मिल जाए, वह भी पीछे की और चली, तभी उसकी नजर एक सीट पर पड़ी , उस पर बस एक युवक बेठा था, आंखों मैं संतोष की चमक आ गयी, पास जाने पर जब उस पर कोई कपडा या कुछ सामान नही दिखायी दिया तो उसने धम्म से शरीर को छोड़ दिया सीट पर,

अरे रे कहाँ बेठ रही हो, यहाँ सवारी आएगी,
आंखों मैं उभरी चमक घुप्प से गायब हो गयी , आगे और सीट देखने की हिम्मत उसमें नही रही और वह वहीं सीटों के बीच गैलरी मैं ही बेठ गयी, इसके बाद उस खालीसीट को देख कर कईं आंखों मैं चमक आती रही और बुझती रही,तभी एक युवती बस मैं चडी , अन्य लोगों को खड़ा देख उसने समझ लिया कि वह सीट खाली नही है, कोई आएगा, नीचे गया होगा, टिकेट या फिर कूछ लेने , और वह भी खड़ी हो गयी महिला के पास,
बेठ जाइये न, यहाँ कोई नही आएगा,
इस आवाज पर युवती ने मुड़कर देखा तो युवक उससे ही मुखातिब था,उसने आश्चर्य से पूछा कोई नही आएगा,
जी नही,
युवक उसी मुस्कान के साथ बोला, इस पर युवती मुडी और नीचे बेठी उस बच्चे वाली महिला को वहां बेठा दिया,अब युवक का चेहरा देखने लायक था, वह युवती को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था,
शिवराज गूजर

9 टिप्‍पणियां:

SAHITYIKA ने कहा…

bahut sahi..
bilkul sahi kiya us ladki ne... hm aajkal logo ki madad karna bhoolte jaa rahe hai.. bahut hi sahi sabak sikhaya usne...
bahut badhiya..

Naveen Tyagi ने कहा…

bhartiy naari ko esa hi hona chaahiye.

राजीव जैन ने कहा…

बहुत मजेदार

यार बस में कितना सफर किया है
कि ये किस्‍से खत्‍म नहीं हो रहे

एक किताब लिखो, जिसका शीर्षक हो


बस में शिव

और वो एग्रीगेटर वाला एडरेस फिर बताना
यार भूल गया

Unknown ने कहा…

YAR YE MARD LOGE AESE HI HOTE H SUNDER LADKIYO KO HI APNE PAS BITHATE H

pksingh ने कहा…

very good story

Unknown ने कहा…

Jai ho..

Unknown ने कहा…

Sabash india...

Unknown ने कहा…

kamina mard tha

Unknown ने कहा…

यही है आज के नवयुवको की सोच